आओ हँस लें

आओ हँस लें

Friday

ताड़ी बाबा





कल तक बंधू साथ बैठकर

पीते थे तुम ताड़ी

आज गले में माला डाली

बड़ी बढ़ा ली दाढी

इधर-उधर की बात बनाकर

सबका भविष्य बताते

किस राशी में कल क्या होगा

गूढ़ अर्थ समझाते

कैसे तुम विद्वान् बन गए

कुछ हमको बतलाओ

कैसे चमके अपनी किस्मत

हमको भी समझाओ

कैसे बदला रातोरात

चोला बाबा धारी

कैसे छूटी रात दिनों की

ताड़ी की बीमारी

सालों से था जिसका डेरा

वो चुंगी का ढाबा

रातो रात बन गया कैसे

चैनल ताड़ी बाबा

-कुशवंश

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